बिना (Knee Replacement) घुटना बदले प्रोलोथेरेपी तकनीक से करो उपचार ऐसे कई लोग हैं जिनके घुटने की सर्जरी (Knee Surgery) विफल हो सकती है । जिससे घुटने में दर्द, सूजन, जकड़न, अस्थिरता आदी कठीनाई आ सकती है। घुटने की सर्जरी के बाद भी दैनिक जीवन की गतिविधियोंको करने में असमर्थता हो सकती है।
घुटने बिना बदले उनका दर्द कम करने के लिए प्रोलोथेरेपी महत्वपूर्ण रोल निभाती है। प्रोलोथेरेपी के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis ) सहित पुरानी मस्कुलोस्केलेटल चोट के लिए एक इंजेक्शन थेरेपी है।
इस थेरेपी मे जहां घुटने के जोड़ के आसपास ढीले और क्षतिग्रस्त स्नायुबंधन (Damaged ligaments), कण्डरा (tendon) और मांसपेशियों (Muscles) के जुड़ाव में डेक्सट्रोज समाधान (Dextrose solution in tendon and muscle attachments) (ग्लूकोज के समान चीनी) की उच्च सांद्रता को इंजेक्ट करने के लिए बहुत पतली सुइयों (Injection)का उपयोग किया जाता है।
प्रोलोथेरेपी कोशिकाओं के बाहर तरल पदार्थ में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाकर काम करती है। इसके परिणामस्वरूप कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थ की गति होती है जिससे कोशिकाएं(cells) सिकुड़ती हैं और अस्थायी कोशिका क्षति (हाइपरस्मोलर क्षति) होती है।
चूंकि कोशिकाएं अस्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, इसलिए वे शरीर को कई बायोसिग्नल्स छोड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय स्तर पर सूजन प्रक्रिया को तेज करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की उत्तेजना होती है।
प्रोलोथेरेपी पारंपरिक सर्जरी से कैसे बेहतर है ?
१. न्यूनतम इनवेस्टमेंट उपचार विधि:
घुटने की सर्जरी प्रक्रिया अधिक जटिल है। इसमे बहुत सारा पैसा और टाईम खर्च होता है। प्रोलोथेरेपी, पीआरपी (PRP) और नर्व्ह ब्लॉक जैसे इंजेक्शन सर्जरी की तुलना में बहुत लेस कॉस्ट और रिकव्हरी (Recovery) के साथ दर्द से राहत प्रदान करते हैं।
२. कम जोखिम:
प्रोलोथेरेपी अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला उपचार है जिसका आमतौर पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है। पतली सुइयों का उपयोग करके लगभग दर्द रहित इंजेक्शन दिये जाते है।कुछ रोगियों को पहले इंजेक्शन के तुरंत बाद दर्द से राहत का अनुभव होता है। अधिकांश रोगियों को 3-4 इंजेक्शन के बाद सुधार महसूस होता है।
३. सुरक्षित और प्रभावी उपचार विधि:
कुछ असफल सर्जरी मे अपर्याप्त लिगामेंट संतुलन जिसके परिणामस्वरूप ढीला और अस्थिर TKR होता है। घुटने के प्रतिस्थापन के बाद घुटने में अस्पष्ट दर्द जो कूल्हे या रीढ़ की स्थिति से संदर्भित दर्द के कारण हो सकता है, और प्रोलोथेरपीसे उनके दर्द में उल्लेखनीय कमी आई है।
४. तेजी से उपचार:
प्रोलोथेरेपी घुटने के दर्द में सुरक्षित, और जल्द आराम देती हैं। जोड़ के स्रोत पर हीलिंग मैकेनिज्म को उत्तेजित करके दर्द कम किया जाता है।
५. कम दुष्प्रभाव:
प्रोलोथेरेपी कम जोखिम वाला उपचार है जिसका आमतौर पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है। प्रोलोथेरेपी आम थेरेपी नहीं है। यह एक नई तकनीक है बिना घुटना बदले प्रोलोथेरेपी तकनीक से करो उपचार । डॉ. विक्रम राजगुरु भारत के पहले इंटरवेंशनल रीजनरेटिव ऑर्थोपेडिक और ऑर्थोबायोलॉजिकल सर्जनों (Interventional Regenerative Orthopedic and Orthobiological Surgeons)में से एक हैं। HHPF (विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी, मैडिसन, यूएसए से संबद्ध) प्रोलोथेरेपी का एक संस्थापक संस्थान है। वह वहां से प्रोलोथेरेपी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं।
बिना घुटना बदले Prolotherapy तकनीक से करे उपचार। यदि आप घुटने के दर्द से पीड़ित हैं और दूसरा सुझाव चाहते हैं, तो डॉ विक्रम राजगुरु से परामर्श लें और प्रोलोथेरेपी उपचार के बारे में जानें।